Thursday, April 18, 2024

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प्रवासी श्रमिकों के सवालों पर माले का राज्यव्यापी धरना, वर्कर्स फ़्रंट ने मज़दूरों की मौतों के लिए मोदी सरकार को ठहराया जिम्मेदार

लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त घर पहुंचाने, श्रम कानूनों को यूपी में तीन साल तक स्थगित करने का फैसला वापस लेने व अन्य मांगों के लिए शुक्रवार को राज्यव्यापी धरना दिया। इस मौके...

85% और 15% पर मोदी सरकार का 100% झूठ

क्या मोदी सरकार देश भर में भूखे पेट खाली जेब आंखों में घर जाने की आस लिए मजदूरों से इतिहास का सबसे भद्दा खेल कर रही है? पिछले दिनों जब सोनिया गांधी ने यह कहा कि कांग्रेस पार्टी मजदूरों...

बाजार लाचार, समाज बेहाल, वापस सरकार

इस सदी में तीसरी बार बाजार ने घुटने टेके हैं और सरकारों की वापसी हुई है। पहली बार सरकारों की वापसी तब हुई थी जब 11 सितंबर 2001 को न्यूयार्क के वर्ल्ड ट्रेड टावर पर आतंकी हमला हुआ था।...

कोरोना संकट: भारत के विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों की मोदी को सलाह

नई दिल्ली। एनडीटीवी के प्रणय रॉय के साथ 1 घंटे से अधिक समय की बातचीत में भारत के विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों एवं नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी, अमर्त्य सेन, पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन और कौशिक बसु आदि ने...

कोविड-19 से जुड़े कानून व उनके मायने

आज हम मानव सभ्यता के जिस दौर में रह रहे हैं वहां जीवन का कोई भी पहलू ऐसा नहीं है,जिसमें कानून शामिल न हो। एक अंग्रेजी कहावत है : "लॉ इज एव्रीव्हेयर फ्रॉम क्रैडल टू ग्रेव" अर्थात कानून मानव...

अथातो चित्त जिज्ञासा: जॉक लकान के मनोविश्लेषण के सिद्धांतों पर केंद्रित एक विमर्श की प्रस्तावना

अभी की एक गहरी चिंता और अवसाद से भरी विमर्श के गतिरोध की चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों में नितांत तात्कालिक प्रसंगों को थोड़ा किनारे रखते हुए हम यहां एक किंचित भिन्न प्रकार के तात्विक क्षेत्र में प्रवेश का प्रस्ताव करना...

अपने राजनीतिक मौत के खतरे की पैदाइश है वारिस पठान का यह बयान

भारत में सांप्रदायिकता के सैकड़ों नाले और परनाले बह रहे हैं। उन्हीं नालों में से एक की पैदाइश वारिस पठान नाम का एक कीड़ा है। भारतीय राज्य और सीधे तौर पर कहें तो बीजेपी और संघ के संरक्षण में...

माहेश्वरी का मत: मीडिया का नया दौर और हिंदी पत्रकारिता

राजकिशोर की तरह के एक स्वातन्त्र्य चेता और पत्रकारिता के जगत में अपने एक अलग ही छंद के रचयिता पत्रकार की स्मृति में इस व्याख्यानमाला के लिये आयोजकों को आंतरिक धन्यवाद । आइये, हम सबसे पहले इस बुनियादी सवाल से ही अपनी बात...

पीएम मोदी के माथे पर चस्पा हो गया है नागरिकता को खंडित करने का यह कलंक

आज से हम एक धार्मिक राज्य जिसे अंग्रेजी में थियोक्रेटिक स्टेट कहा जाता है, के नागरिक हैं। नागरिकता विधेयक पास हो जाने के साथ ही भारतीय गणराज्य के अंत की शुरुआत हो गयी है। इससे भारतीय गणतंत्र की न...

यूएपीए संशोधन: लोकतंत्र के ताबूत में एक और कील!

“किसी संस्था की जगह एक व्यक्ति का मनोविज्ञान ही आतंकवाद की उत्पत्ति का स्रोत होता है। अगर सबसे पहले किसी व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति को वैचारिक और वित्तीय सहायता मुहैया कराने के जरिये आतंकवाद की तरफ आकर्षित होने से उसे रोक...

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उत्तराखंड:मतदान आ गया, मतदाता अब भी मौन

उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हो रहा है। अब जबकि मतदान...