Friday, April 19, 2024

कृष्ण प्रताप सिंह

‘मत कहो आकाश में कोहरा घना है, यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है’

‘मत कहो आकाश में कोहरा घना है, यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है’। हिन्दी के अपने वक्त के बेहद लोकप्रिय कवि-कथाकार स्मृतिशेष दुष्यंत कुमार {27 सितम्बर, 1931-30 दिसम्बर, 1975} ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अहमन्यता कहें या तानाशाही-प्रवृत्ति...

गुजरात के मोरबी में केबल पुल टूटने से हुई मौतें:किसकी निगाह जायेगी जलते मकान पै?

बस्ती के सभी लोग हैं ऊंची उड़ान पै, किसकी निगाह जायेगी जलते मकान पै? अवध के जनप्रतिबद्ध शायर मरहूम चन्द्रमणि त्रिपाठी ‘सहनशील’ द्वारा कोई तीन दशक पहले पूछा गया यह सवाल गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने...

प्रधानमंत्री महिलाओं का सम्मान करने को कहते हैं और भाजपाई उनकी सुनते ही नहीं! 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2015 में 22 जनवरी को दिया गया ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा अब सात साल पुराना हो चुका है। उनकी सरकार ने इस नारे को महज प्रोपोगैंडा के लिए न इस्तेमाल किया होता और...

उत्तर प्रदेश: वहशत भला जाती क्यों नहीं है?

अब उत्तर प्रदेश में जंगल राज की चर्चा नहीं होती। इसका एक कारण तो यह है कि अपने खास चरित्र के बन्दी मीडिया ने 2017 में अखिलेश के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी का राज खत्म होते ही उसको खत्म...

मंजिल की जुस्तजू में कांग्रेस का कारवां

किसी शायर ने क्या खूब कहा है: मंजिल मिले, मिले, न मिले, कोई गम नहीं, मंजिल की जुस्तजू में मेरा कारवां तो है। हिन्दी के जनप्रतिबद्ध साहित्यकारों में अग्रगण्य बाबा नागार्जुन इसी बात को कुछ यों कहा करते थे...

मंजिल की जुस्तजू में कांग्रेस का कारवां

किसी शायर ने क्या खूब कहा है: मंजिल मिले, मिले, न मिले, कोई गम नहीं, मंजिल की जुस्तजू में मेरा कारवां तो है। हिन्दी के जनप्रतिबद्ध साहित्यकारों में अग्रगण्य बाबा नागार्जुन इसी बात को कुछ यों कहा करते थे...

कांग्रेस की हल्लाबोल रैली: आगे बहुत लड़ाई है

कांग्रेस द्वारा गत रविवार को राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में की गई हल्ला बोल रैली को नरेन्द्र मोदी सरकार की रीति-नीति के खिलाफ उसकी अब तक की रैलियों से इस अर्थ में अलग रेखांकित किया जा सकता...

 महिलाओं से फिर-फिर हैवानियत: पितृसत्ता की जड़ें उखाड़े बिना त्राण नहीं 

देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस को अभी कुल मिलाकर पखवाड़ा भर ही बीता है। इसलिए पाठकों को याद होगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस दिन लालकिले की प्राचीर से अपने लम्बे सम्बोधन में स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं के योगदान...

1000 करोड़ के ‘तोहफे’ लेकर डोलो-650 टेबलेट के ‘अनैतिक’ प्रमोशन पर क्यों मौन है आईएमए?     

पिछले दिनों भारत में जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ की दो बड़ी खबरें सामने आईं। पहली यह कि स्वामी रामदेव की नामी-गिरामी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद (जो अपने को स्वदेशी के प्रति समर्पित बताती नहीं थकती) के गाय के घी का उत्तराखंड के...

इन संदेशों में तो राष्ट्र नहीं, स्वार्थ ही प्रथम!

गत सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपना नौवां स्वतंत्रता दिवस संदेश देने के लिए लाल किले की प्राचीर पर पहुंचे तो शायद ही कोई देशवासी उम्मीद कर रहा हो कि उन्होंने इस दिन से पचहत्तर सप्ताह पहले आज़ादी के...

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वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।