Saturday, April 20, 2024

सांप्रदायिकता

2020 के कई कानूनों से समुदायों में बढ़ा भेदभाव, देश का सामाजिक तानाबाना भी हुआ कमज़ोर

पिछले अनेक दशकों से भारत में सांप्रदायिक दंगे, सांप्रदायिक तनाव और हिंसा का सबसे आम प्रकटीकरण रहे हैं। देश में अनेक भयावह सांप्रदायिक दंगे हुए हैं, जिनमें नेल्ली (1983), दिल्ली सिक्ख-विरोधी हिंसा (1984), भागलपुर (1989), बंबई (1992), गुजरात (2002),...

किसानों पर नफरत और विभाजन के अर्थशास्त्र का आक्रमण

किसान आंदोलन का धर्मनिरपेक्ष और अहिंसक स्वरूप निश्चित ही नफरत और बंटवारे की राजनीति करने वालों के दिल में घबराहट पैदा कर रहा है। किसानों की एकजुटता और आंदोलन का राष्ट्रव्यापी स्वरूप सरकार को चिंता में डाल रहा है।...

गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंतीः स्वराज के लिए जिये और सांप्रदायिकता से लड़ते दी जान

हिंदी पत्रकारिता में गणेश शंकर विद्यार्थी की हैसियत शिखर पुरुष के तौर पर है, तो वहीं देश के स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी पहचान महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों से प्रेरित विद्यार्थी, ‘जंग-ए-आजादी’ के...

‘भगत सिंह ने जिस कानून के खिलाफ लड़ते शहादत दी, आज वैसा ही कानून ला रही है मोदी सरकार’

नई दिल्ली। आल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) ने दिल्ली के लगभग पचास अलग-अलग इलाकों में शहीदे आजम भगत सिंह की जयंती पर विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में मुख्यतः निर्माण मजदूरों ने हिस्सा लिया और अपने-अपने...

हत्यारी लाइव डिबेट और फेसबुक का नागपुरी एजेंडा

एक टीवी डिबेट में एक राजनीतिक दल के प्रवक्ता की लाइव मौत (दरअसल वह हत्या थी) और उसमें टीवी एंकर की साफ़ दिख रही लिप्तता ने इस तरह की बहसों के इरादों और औचित्य के बारे में एक नयी...

सोचिये लेकिन, आप सोचते ही कहां हो!

अगर दुनिया सेसमाप्त हो जाता धर्मसब तरह का धर्ममेरा भी, आपका भीतो कैसी होती दुनिया न होती तलवार की धारतेज़ और लंबीन बनती बंदूकेनहीं बेवक्त मरते यमनमें बच्चेरोहंगिया आज अपनेसमुद्र में पकड़ रहे होतेमछलियांईरान आज भी अपनेसमोसे के लिये यादकिया...

जो अशोक किया, न अलेक्जेंडर उसे मोशा द ग्रेट ने कर दिखाया!

मैं मोशा का महा भयंकर समर्थक बन गया हूँ। कुछ लोगों की नज़र में वे भले ही कापुरुष हों लेकिन मेरे हिसाब से वे महापुरुष हैं। भारत के पहले आम चुनाव के बाद पहले प्रथम सेवक ने देश को एकजुट...

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।