azadi
संस्कृति-समाज
साहिर की स्मृति दिवस पर विशेष: ‘आओ कि कोई ख़्वाब बुनें, कल के वास्ते’
साहिर लुधियानवी का शुरुआती दौर, देश की आज़ादी के संघर्षों का दौर था। लेखक, कलाकार और संस्कृतिकर्मी अपनी रचनाओं एवं कला के ज़रिए आज़ादी की अलख़ जगाए हुए थे। गोया कि साहिर भी अपनी शायरी से यही काम कर...
ज़रूरी ख़बर
गणतंत्र दोराहे पर: 26 जनवरी के मूल्य बनाम 30 जनवरी के हत्यारे गिरोह के मंसूबे
26 जनवरी और 30 जनवरी हमारे राष्ट्रीय इतिहास की दो अहम तारीखें हैं- 26 जनवरी, हमारा गणतंत्र दिवस, उन मूल्यों की याद दिलाता है जिनके लिए आज़ादी की जंग लड़ी गयी और 30 जनवरी, जिस दिन उस ऐतिहासिक लड़ाई...
बीच बहस
जनता पर भारी पड़ रही है सरकार के दिखावे की देशभक्ति
आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने नया फरमान जारी किया है। 15 अगस्त को हर घर पर तिरंगा फहराया जाएगा। झण्डे उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी सरकार ले रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने...
पहला पन्ना
आजादी की लड़ाई को बदनाम करके संघी अपने गद्दारी के कलंक को चाहते हैं मिटाना
Janchowk -
आप क्रोनोलॉजी समझिए-
गिरोह के सरगना ने गांधी को फूल चढ़ाए, गिरोह के टुटपुंजियों ने गांधी के फोटोशॉप बनाए।
सरगना ने गांधी के आगे शीश नवाए, टुटपुंजियों ने गांधी हत्या का नाट्य रूपांतरण किया।
सरगना ने गांधी को युग की जरूरत बताया,...
ज़रूरी ख़बर
कमला भसीन का मतलब महिला मानवाधिकारों की अप्रतिम हिन्दुस्तानी योद्धा
महिला अधिकारवादी वैश्विक एक्टिविस्ट, समाज विज्ञानी, लेखिका और कवि कमला भसीन ( 1946-2021 ) के आज तड़के तीन बजे गुजर जाने पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों की स्वाभाविक रूप से बाढ़ सी आ गई है। क्योंकि उनका जीवन ही...
संस्कृति-समाज
हिंदू राष्ट्रवाद का खौफ़नाक मंजर पेश करती है अरुंधति की किताब ‘आज़ादी’
अरुंधति रॉय भारत की उन चंद लेखकों में हैं, जिनकी समकालीन भारत की नब्ज़ पर उंगली है और जो भारत की हर धड़कन को कान लगाकर सुनती हैं और उसे अभिव्यक्त करने की कोशिश करती हैं। आज का भारत...
संस्कृति-समाज
हसरत मोहानी की पुण्यतिथि पर विशेष: जिन्होंने दिया ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा और मांगी मुकम्मल आजादी
जंग-ए-आजादी में सबसे अव्वल ‘इन्क़लाब ज़िंदाबाद’ का जोशीला नारा बुलंद करना और हिंदुस्तान की मुकम्मल आज़ादी की मांग, महज ये दो बातें ही मौलाना हसरत मोहानी की बावकार हस्ती को बयां करने के लिए काफी हैं। वरना उनकी शख्सियत...
बीच बहस
शाहीन बाग में हर तरफ खिल रहे हैं लोकतंत्र के फूल
Janchowk -
शाहीन बाग की हर गली में बाग दिखता है। हर गली-मोहल्ले से एक झुंड निकलता है। हाथ में तिरंगा झंडा लिए हुए। कुछ बच्चे अपने चेहरे पर तिरंगा बनाए हुए और नारे लगाते हुए। इन बच्चों के नारे बड़ों...
संस्कृति-समाज
“एका” किसान आन्दोलन और आजादी की लड़ाई में वर्ग हितों की टकराहट का दस्तावेज
Janchowk -
1920 से 1928 के बीच अवध के दो महान
किसान नेताओं बाबा रामचंद्र और मदारी पासी के नेतृत्व में चले किसान संघर्षों के
बारे में एक किताब को देखना और पढ़ना मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के लिए एक सुखद
अनुभूति है। मैंने खुद...
Latest News
ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना
आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...
You must be logged in to post a comment.