Saturday, April 20, 2024

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पुण्यतिथि पर विशेष: शहीद ऊधम सिंह, सात समंदर पार जाकर जिसने की अपनी शपथ पूरी

पंजाब की सरजमी ने यूं तो कई वतनपरस्तों को पैदा किया है, जिनकी जांबाजी के किस्से आज भी मुल्क के चप्पे-चप्पे में दोहराए जाते हैं, पर मुहम्मद सिंह आज़ाद उर्फ ऊधम सिंह की बात ही कुछ और है। ऊधम...

आजादी की लड़ाई की क्रांतिकारी धारा के अगुवाओं में शामिल थे बिस्मिल

11 जून, अमर शहीद और भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर योद्धा राम प्रसाद बिस्मिल की जन्मतिथि है। उत्तर प्रदेश के जिला शाहजहांपुर में 11 जून 1897 को जन्मे, राम प्रसाद बिस्मिल, भारतीय स्वाधीनता संग्राम के क्रांतिकारी आंदोलन के एक...

जवाहरलाल नेहरू: मन, कर्म और वचन से समाजवादी

27 मई 1964 को पंडित जवाहरलाल नेहरू का निधन हुआ। नेहरू के निधन के बाद एक दशक तक तो सब ठीक ठाक चला, परंतु 1974 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चले संपूर्ण क्रांति के आंदोलन से परिस्थितियां बदल...

शहादत सप्ताह: दलितों, सोए हुए शेरों ! उठो और बगावत कर दो- भगत सिंह

23 मार्च 1931 को साढे तेईस वर्ष की उम्र में फांसी पर चढ़ा दिए गए भगत सिंह ( 28 सितम्बर 1907 - 23 मार्च 1931) ने प्रचुर लेखन किया है। अपने लेखन में वे गंभीर अध्येता और चिंतक के...

शहादत सप्ताह: भगत सिंह और अराजकतावाद

भगत सिंह एक निर्भीक क्रांतिकारी होने के साथ-साथ बहुत गंभीर अध्येता भी थे। उन्होंने दुनिया भर की अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं और क्रांतिकारी सिद्धांतों का बेहद गहरा अध्ययन किया हुआ था। अंतरराष्ट्रीय क्रांतिकारी आंदोलन के इतिहास कि अपने अध्ययन के...

शहादत सप्ताह: न्यायिक हत्या थी भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को दी गयी फांसी

23 मार्च शहीदे आज़म भगत सिंह का शहीदी दिवस है। इसी दिन लाहौर सेंट्रल जेल, जो अब पाकिस्तान में है में उन्हें फांसी पर लटका दिया गया था। अब वहां एक चौराहा है जिसे शादमान चौक कहा जाता है।...

देश को पूंजीवाद के पंजे से छुड़ाने के लिए भगत सिंह जैसे विचार की जरूरत

आज जो देश के हालात हैं। ऐसे में शहीद-ए-आजम भगत सिंह का याद आना लाजिमी है। जिस तरह से राजनीति का व्यवसायीकरण हुआ है। धंधेबाजों के हाथ में देश की बागडोर है। सियासत का मतलब बस एशोआराम, रुतबा और कारोबार रह गया...

दिल्ली विश्वविद्यालय: क्या थमेगा मूर्ति विवाद!

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) की 30 अगस्त 2019 की रैली में हुए भाषणों से यह स्पष्ट लगता है कि 12 सितम्बर को होने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में हाल का मूर्ति-विवाद प्रमुख मुद्दा रहेगा। चुनाव परिणाम के बाद...

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।