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संस्कृति-समाज
हूल दिवस पर विशेष: आदिवासियों को बदहाली से निजात दिलाने के लिए एक और हूल व उलगुलान की जरूरत
झारखंड के आदिवासियों का अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बगावत का लंबा इतिहास है। इतना ही नहीं आजादी के बाद भी झारखंड अलग राज्य को लेकर लंबे संघर्ष से जो राज्य हासिल हुआ है उसमें कुछ चतुर चालाक लोगों को छोड़...
बीच बहस
जयंती पर विशेष: ब्रिटिश सत्ता के लिए खौफ बन गए थे राम प्रसाद बिस्मिल
देश इस साल आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर कई बड़े आयोजन हो रहे हैं, जिनमें देश की आज़ादी के लिए मर मिटने वालों को याद किया जा रहा है। आज़ादी, हमें...
बीच बहस
आखिर क्या है राजद्रोह कानून की धारा 124A का इतिहास?
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजद्रोह यानी सेडिशन धारा 124A आईपीसी के संबंध में दिनांक 11 मई 2022 को दिया गया फैसला देश के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण फैसला है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को, इस कानून के संबंध में,...
संस्कृति-समाज
पेशावर काण्ड के बहादुर गढ़वालियों का कोई नामलेवा नहीं
विश्व में शायद ही कोई ऐसा सैन्य विद्रोह हुआ हो जिसमें विद्रोही सैनिकों द्वारा हथियार उठाने के बजाय हथियार गिरा दिये गए हों। ऐसी मिसाल गढ़वाली सैनिकों ने पेशावर में 23 अप्रैल 1930 को पेश की थी। यही नहीं...
बीच बहस
जयंती पर विशेष:अबूझ क्यों हैं आम्बेडकर बहुतेरों के लिए
आम्बेडकर कम्युनिस्टों के लिए ही नहीं बल्कि बहुतेरे दलितों के लिए भी अबूझ हैं।हाल कुछ उस कथा जैसी है जिसमें किसी हाथी को नेत्रहीन लोग उतना ही बूझ पाए जितना वे हाथी को स्पर्श कर सके। जिसने सूंड़ स्पर्श...
संस्कृति-समाज
अंग्रेजों के दमन और उसके प्रतिकार का प्रतीक है जलियांवाला बाग
13 अप्रैल 1919, बैसाखी के दिन लगभग 4:00 बजे जनरल डायर लगभग डेढ़ सौ सिपाहियों को लेकर जलियांवाला बाग में पहुंचा। वहां रौलेट एक्ट के खिलाफ एक जनसभा हो रही थी। बैसाखी पर दूर-दूर से आये लोग, दरबार साहिब...
बीच बहस
शहादत दिवस पर विशेष: भगत सिंह के दर्शन को समझने की जरूरत
भगत सिंह को शहीद, महान शहीद और शहीदे आजम का ताज पहना कर हमने भगत सिंह की मौलिकता, उनके चिंतन और दर्शन को मृत मान लिया है। क्योंकि शहीद में कोई नवीनता नहीं होती। वह एक आदर्श के लिए...
बीच बहस
सुभाष के कलकत्ता से निकल जाने के बाद शहर की गतिविधियां
31 जनवरी की रात तक सुभाष, मुहम्मद ज़ियाउद्दीन के भेष में काबुल पहुंच गए थे। पर यह भी उनकी मंज़िल नहीं थी, बल्कि एक पड़ाव था। 16/17 जनवरी की रात उन्होंने कलकत्ता छोड़ा था। नेताजी को गोमो स्टेशन पर...
बीच बहस
30 जनवरी पर विशेष: आज भी जारी है गांधी के खिलाफ चले राजद्रोह के मुकदमे की धारा
क्या आप जानते हैं कि आजादी से पहले अंग्रेज सरकार ने महात्मा गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 124-ए के तहत राजद्रोह का आरोप लगाया था। महात्मा गांधी ने इस धारा को आईपीसी का राजकुमार कहा। गांधीजी ने यह...
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ब्रिटिश पुलिस से कश्मीर में भारतीय अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग
Janchowk -
लंदन। लंदन की एक कानूनी फर्म ने मंगलवार को ब्रिटिश पुलिस के सामने एक आवेदन दायर कर भारत के सेना प्रमुख और भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी को कश्मीर में युद्ध अपराधों में उनकी कथित भूमिका को देखते...
Latest News
अडानी की कंपनियों में 12 विदेशी फंड निवेशकों ने डिस्क्लोजर नियमों का किया उल्लंघन, निवेश की सीमा को तोड़ा
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पाया है कि अडानी समूह की कंपनियों में निवेश करने वाले 12...
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