Friday, April 19, 2024

Buddhism

गुजरात सरकार का सर्कुलर: हिंदुओं को बौद्ध धर्म में परिवर्तन के लिए लेनी होगी अनुमति

भारत में बौद्ध, जैन और सिख धर्म के लोगों की पहचान कभी भी अलग धर्म के रूप में नहीं रही है। यह बात अलग है कि तीनों धर्मों के लोग अपने को हिंदू धर्म से अलग रखते हैं लेकिन...

मुस्लिम, ईसाई धर्म के बाद अब आरएसएस के निशाने पर बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म के देश-विदेश में प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मौर्य वंश के राजा सम्राट अशोक के बहाने एक बार फिर बौद्ध धर्म आरएसएस के खूंखार हिंदुत्ववादी निशाने पर है। आरएसएस के एजेंडे का साहित्यिक रुपांतरण करने वाले...

नव-बौद्ध आंदोलन का पुनर्मूल्यांकन

हिंदू धर्म की उन्नति बौद्ध धर्म के प्रतीकों को एक अवशिष्ट स्थान छोड़ देती है और इसकी क्रांतिकारी क्षमता को कम कर देती है। भारत में बौद्ध धर्म के अनुयायी 14 अक्टूबर 1956 तक नगण्य थे। और एक धर्म के...

जन्मदिन पर विशेष: ब्राह्मणवादी कवच को तोड़ कर समाज में समानता और बराबरी के ढांचे के निर्माण के पक्षधर थे राहुल सांकृत्यायन

(09 अप्रैल 1893-14 अप्रैल 1963) भारतीय उपमहाद्वीप में जन्मा कोई व्यक्ति या तो मूलत: ब्राह्मणवादी विश्व दृष्टिकोण का होता है या गैर- ब्राह्मणवादी विश्व दृष्टिकोण (श्रमण-बहुजन विश्व दृष्टिकोण) का होता। ब्राह्मणवादी विश्व दृष्टिकोण की विशेषताएं हैं- आत्मा में विश्ववास, शाश्वसत सत्य...

खिलजी ने नहीं, नालंदा को ब्राह्मणवादियों ने किया था नष्ट

भारत इन दिनों 'निर्मित की गई नफरतों' की चपेट में है। इस नफरत के नतीजे में समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर दलितों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा हो रही है। इन समुदायों के विरुद्ध नफरत भड़काने के लिए...

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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।