Tuesday, April 23, 2024

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यूथ फॉर हिमालय के प्रतिनिधिमंडल ने शंभू बॉर्डर पहुंच कर किया किसान आंदोलन का समर्थन 

शंभू बॉर्डर। हिमालयी राज्यों के युवाओं के समूह यूथ फॉर हिमालय के प्रतिनिधिमंडल ने शंभू बार्डर पर पहुंच कर किसान आंदोलन का समर्थन किया और हिमालय स्टैंड विद फार्मर का नारा बुलंद किया। इसके अलावा प्रतिनिधि मंडल ने अलग-अलग...

 ‘हिमालय दलित है’ कविता के परंपरागत प्रतिमानों को ध्वस्त करता संग्रह

‘हिमालय दलित है’ मोहन मुक्त का पहला कविता संग्रह है। संग्रह की कविताएं धधकते लावे की तरह हैं। यहां तक कि कवि की प्रेम कविताओं से भी एक आंच निकलती है। ऐसे लगता है कि कवि किसी ज्वालामुखी के...

मकानों के भार से धंस रहा है जोशीमठ का इलाका

यूं तो पूरा हिमालयी क्षेत्र ही संवेदनशील है। हिमालय भू गर्भिक तौर पर सबसे नए बने पर्वत हैं और अब भी निरन्तर बनने की प्रक्रिया में हैं। जिससे हिमालय की नाजुकता दुनिया के अन्य पर्वतों की अपेक्षा ज्यादा है।...

खेती और बागवानी की उपेक्षा और अनियोजित और अमर्यादित पर्यटन का दंश झेल रहे हैं पहाड़ के किसान

सरकारों द्वारा किसानी, बागवानी और परम्परागत धंधों को मदद करने के बजाए पर्यटन के विस्तार पहाड़ में आर्थिक असंतुलन बढ़ रहा और पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।  जिससे पहाड़ के लोगों में भारी आक्रोश देखने को...

उत्तराखण्डवासियों के पैरों तले जमीन खिसका दी, अब डरा रहे मस्जिदों के नाम पर

अपने पुरखों से विरासत में मिली जमीनों को बाहरी जमीनखोरों से बचाने के लिये कुछ अन्य हिमालयी राज्यों की तरह विशिष्ट कानूनी प्रावधानों की मांग को लेकर उत्तराखण्ड में एक और जनान्दोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है। पहाड़वासियों...

चाल-खाल के जरिये पर्यावरण संरक्षण की कोशिश

जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बीते दो हफ़्तों स्कॉटलैंड के ग्लासगो में चला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन COP26 अब ख़त्म हो गया है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सम्मेलन में पहुंच कर भारत की तरफ़ से इस चुनौती से निपटने के...

स्मृति शेष अशेष: 20 साल बाद भी नहीं उठा नेपाल के शाही हत्याकांड से पर्दा

·बाबु हाम्रो राजा लाय परिवार सहित मारियो कसैलाय जीवित छोरे न तिम्रो पनि राजा लाय मारियो तर तिम्रो राजाका संतान र रानी त जीवित छ। तर हामरा राजाका वंश सखाप पारियों एक जून 2001 को रात्रि भोजन के दौरान नेपाल...

एक हिमनद बिछड़ गया

सुंदरलाल बहुगुणा के देह त्यागने के साथ ही आज जैसे एक हिमयुग का अंत हो गया। लेकिन वास्तव में देह तो उन्होंने दशकों पहले तब ही त्याग दी थी जब हिमालय और नदियों की अक्षुण्णता बनाए रखने और बांधों...

एक महायात्री की अपनी धरोहर से मुलाकात

यूं तो पहाड़ में ही पैदा हुआ, पहाड़ से बाहर रहने की अवधि को, पहाड़ में रहने की अवधि ने पीछे छोड़ दिया है और पहाड़ में ही राजनीतिक-सामाजिक सक्रियता भी है। इसी सक्रियता में खूब पहाड़ चढ़ना-उतरना भी...

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2024 के चुनाव में फासीवादी ताकतों को निर्णायक चोट दें: स्वदेश भट्टाचार्य

पटना। भाकपा-माले की स्थापना की 56वीं वर्षगांठ पर पार्टी महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने सभी पार्टी सदस्यों और शुभचिंतकों...