Wednesday, April 24, 2024

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छत्तीसगढ़: भूमि अधिकार आंदोलन के तहत आयोजित हुआ राज्य स्तरीय सम्मेलन 

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पास्टोरल सेंटर में भूमि अधिकार आंदोलन का राज्य सम्मेलन आयोजित हुआ। 28 जून को आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में देश के 14 राज्यों से आए 500 से ज़्यादा जनवादी संघर्षों के साथियों/...

भूकानून के साथ फिर छलावा: कानून की बची खुची जान भी निकाल दी  

भारतीय जनता पार्टी ने जनाक्रोश को भांपते हुये त्रिवेन्द्र सरकार की गलतियों को सुधार कर उत्तराखण्ड के लिये नया सख्त भूकानून बनाने का वायदा गत विधानसभा चुनाव में किया था। इससे पहले जनता के रुख को देखते हुये नये...

स्पेशल रिपोर्ट: बेहिसाब पानी होने के बावजूद आखिर बिहार के लोग मछली के लिए आंध्रा और बंगाल पर क्यों हैं निर्भर?

सुपौल, बिहार। बिहार मत्स्य निदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में सालाना मछली उत्पादन करीब साढ़े पांच लाख मीट्रिक टन है, जबकि खपत 8 लाख मीट्रिक टन है। बाकी मछली के लिए बिहार को आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल...

कोशी क्षेत्र में तबाही का कारण बना भूमि सर्वेक्षण

जलवायु परिवर्तन के इस दौर में बिहार की कोशी नदी के ‘दो पाटन के बीच फंसी’ आबादी नए किस्म की समस्या में उलझ गई है। समस्या जमीन के सर्वेक्षण की विशेष नियमावली की वजह से उत्पन्न हुई है। इसके...

आजम खां को सुप्रीम राहत, मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की भूमि के अधिग्रहण पर रोक 

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को रामपुर में मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को आवंटित भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगा दी। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की पीठ ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा दायर विशेष...

ग्राउंड रिपोर्ट: सजल नेत्रों से अपने गांव को डूबते देख रहे हैं लोहारी के लोग

लोहारी (देहरादून)। बिजली के लिए देहरादून जिले के सुदूरवर्ती लोहारी गांव को बांध के पानी में जलसमाधि दे दी गई है। वह भी गांव वालों को बिना पूरा मुआवजा दिये और बिना उनके रहने की व्यवस्था किये। इस तरह...

उत्तराखण्डवासियों के पैरों तले जमीन खिसका दी, अब डरा रहे मस्जिदों के नाम पर

अपने पुरखों से विरासत में मिली जमीनों को बाहरी जमीनखोरों से बचाने के लिये कुछ अन्य हिमालयी राज्यों की तरह विशिष्ट कानूनी प्रावधानों की मांग को लेकर उत्तराखण्ड में एक और जनान्दोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है। पहाड़वासियों...

उत्तराखंड में भूकानून बन गया है बड़ा चुनावी मुद्दा

सोशल मीडिया के चिराग से 'उत्तराखंड मांगे भूकानून' का जिन्न पता नहीं कब बाहर निकल आया और सबकी ज़ुबान पर छा गया। आने वाले विधानसभा चुनाव में भी राजनीतिक पार्टियों के लिए भूकानून एक ऐसा मुद्दा है जिस पर...

शहीदों के स्मारक के लिए दी जमीन लेकिन आज भूखों मरने की नौबत

जालियांवाला बाग (13 अप्रैल, 1919) से पहले का जालियांवाला बाग, यानी अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता का पहला गवाह बना था, झारखंड के खूंटी जिला अंतर्गत मुरहू प्रखंड का डोंबारी बुरू। जहां आज से ठीक 121 साल पहले 9 जनवरी,...

पंजाब में कौड़ियों के भाव पर कंपनियों को तीन सौ एकड़ ज़मीन की बंदरबाट

एक आधिकारिक जांच आयोग ने पाया है कि पंजाब सरकार ने शीर्ष बहुराष्ट्रीय कंपनियों भारती एंटरप्राइजेज और खाद्य क्षेत्र की दिग्गज डेल मोंटे पैसिफिक के स्वामित्व वाली एक फर्म को 300 एकड़ बेशकीमती जमीन बेहद ही कम कीमत पर...

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स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा

सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...