liberlisation
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कर्जा लो, घी पियो और वसूली की बारी आए तो बट्टे खाते में डाल दो!
चार्वाक दर्शन का मूल मंत्र है ‘कर्ज़ लो घी पियो’। नव उदारवाद या आर्थिक उदारीकरण का भी मूलमंत्र कमोवेश यही है। अब कर्ज़े पर आधारित विकासवाद में कर्ज़े पर कर्ज़ा, नए काम पर नए काम, देखने सुनने में बड़ा...
बीच बहस
अब सचमुच नव-उदारवाद की कब्रगाह बनेगा चिली?
चिली वामपंथी राष्ट्रपति चुनने वाला इस साल (2021) तीसरा लैटिन अमेरिकी देश बना है। चिली के इतिहास की वजह से गैब्रियाल बोरिच का वहां राष्ट्रपति चुना जाना कुछ अधिक खास है। लैटिन अमेरिका में चिली ही पहला देश था,...
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नवउदारवाद और टपक बूंद सिद्धांत के दिवालियेपन को उजागर करती है वर्ल्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट
7 दिसम्बर, 21 को ज़ारी वर्ल्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट (World Inequality Report*) 2022 रिपोर्ट ने पिछली सदी के आखरी दशक से ज़ारी नवउदारवादी दौर के सबसे बड़े झूठ का पर्दाफाश करते हुए तथ्यों के आधार पर यह स्थापित किया है...
बीच बहस
कृषि कानूनों में काला क्या है-10: कब्र मनमोहन ने खोदी, दफनाया मोदी ने
क्या आप जानते हैं किसानों कि बदहाली का बीज बोया था या दूसरे शब्दों में कहें तो किसानों का कब्रिस्तान नव उदारवाद या आर्थिक उदारीकरण के प्रणेता तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने बनाया था और उन्हें उस...
बीच बहस
निजीकरण: मिथ और हकीकत
निजीकरण का राजनैतिक अर्थशास्स्त्र समझने के लिए किसी राजनैतिक अर्थशास्त्र में विद्वता की जरूरत नहीं है। सहजबोध (कॉमनसेंस) की बात है कि कोई भी व्यापारी कभी घाटे का सौदा नहीं करता, न ही उसका काम जनकल्याण या देश की...
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उत्पीड़ित एवं मेहनतकश अवाम से लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने की अपील
पटना। लोकसभा चुनाव-2024 कोई सामान्य चुनाव नहीं है। यह असाधारण परिस्थितियों में हो रहा असाधारण चुनाव है, इस चुनाव...
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