Thursday, April 18, 2024

recession

अर्थ-व्यवस्था में मंदी के लिए ताली!

चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत के संकुचन के बाद दूसरी तिमाही में उसमें और 7.5 प्रतिशत का संकुचन हो गया ; अर्थात् अर्थव्यवस्था का सिकुड़ना लगातार जारी है । पर मोदी के अर्थशास्त्री...

पतनशीलता की सड़ांध ही मोदी की नियति है!

मोदी के आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्यन को जीडीपी में वृद्धि की -23.9 प्रतिशत दर में भी विक्ट्री का V चिन्ह दिखाई दे रहा है ! उनकी इस बात से साफ़ है कि सचमुच मोदी सरकार ग़ज़ब के सनकी धुरंधरों...

‘अंडरस्टैंडिंग मार्क्स’-भाग 2: रिवोल्यूशन रोकने के लिए पूंजीवाद पहले रिफॉर्म लाता है, फिर उसे हड़प जाता है

(अमेरिकी अर्थशास्त्री रिचर्ड डी वुल्फ के यूट्यूब पर उपलब्ध वीडियो से दूसरी किस्त। यह वीडियो उन्होंने अपनी किताब `अंडरस्टेंडिंग मार्क्स` के संदर्भ में अपलोड किया है। इसमें उन्होंने मार्क्सवाद को सरल तरीक़े से समझाने की कोशिश की है। इसे हिन्दी में...

मंदी के दौर में प्रवेश कर गयी है वैश्विक अर्थव्यवस्था: आईएमएफ़ चीफ

नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बिल्कुल घुटनों के बल ला दिया है। विकासशील राष्ट्रों को फिर से रास्ते पर लाने के लिए भीषण फंड की ज़रूरत होगी। ऐसा आईएमएफ़ चीफ़ क्रिस्टैलिना का कहना है। इसके साथ...

गिरती अर्थव्यवस्था और आम बजट

एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की मौजूदा विकास दर अपने छह सालों में सबसे निचले स्तर पर है। वर्तमान में विकास दर 4.5 फीसद है। साल 2019 खत्म हो चुका और 2020 आ गया है। बजट आने वाला...

हमने कभी नहीं कहा था कि हम सबको सरकारी नौकरी देंगे। हम ये अभी भी नहीं कह रहे हैं: रविशंकर प्रसाद

धीरज रखें। इस पंक्ति को पढ़ते ही अधीर न हों। यह मेरे लेख के सबसे कम महत्वपूर्ण बातों में से एक है। मगर मंत्री जी प्रभाव को देखते हुए मैंने इसे हेडलाइन में जगह दी है। मैं अपने इस अपराध के...

निर्मला जी! पकौड़े और दुकान से नहीं संभलेगी भारत की बिगड़ी हुयी भीमकाय अर्थव्यवस्था

भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ मजाक हो रहा है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने तो सचमुच में देश को बहीखाते के युग में पहुंचा दिया।  अर्थव्यवस्था के तमाम मोर्चे पर नाकाम जेएनयू की इन मोहतरमा को तो कम से कम इसका श्रेय दिया...

राजनीति को ठीक किए बगैर नहीं होगी अर्थव्यवस्था दुरुस्त

मोदी जी समझते हैं कि वे जितना कहते हैं, लोग उतना ही समझते हैं। कहने वाले और सुनने वाले के बीच दूसरे ऐसे अनेक अनुभव काम करते रहते हैं जो कहे गये शब्द अपने अर्थ को प्राप्त करें, उसके पहले ही...

सत्ता प्रायोजित मॉब लिंचिंग के बीच दो साल पहले ही मंदी ने दे दी थी दस्तक

दुनिया के कई आर्थिक पंडित दो साल पहले ही वैश्विक आर्थिक मंदी के बारे में घोषणा कर चुके हैं कि आने वाले डेढ़ से दो साल के बीच यह दस्तक दे सकती है। अक्टूबर 2017 में एम्सटरडम में हुई एक कॉन्फ्रेंस में मैराथन...

रियल इस्टेट की भीमकाय कंपनियां भी मंदी के सामने हुईं ढेर

देश का रियल इस्टेट सेक्टर अपनी अन्तिम सांसें गिन रहा है देश के प्रमुख बिल्डर दिवालिया होने की कगार पर खड़े हो गए हैं। सबसे पहले यूनिटेक गया। सहारा गया। फिर जेपी भी खत्म हो गया। उसके बाद आम्रपाली चला...

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उत्तराखंड:मतदान आ गया, मतदाता अब भी मौन

उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हो रहा है। अब जबकि मतदान...