religion
बीच बहस
एक नास्तिक की धर्म-चर्चा
जाति की तरह धर्म का मसला भी ऐसा ही उलझा है। मेरा तात्पर्य रिलीजन से है, कर्त्तव्य से नहीं। हमें हमारा धर्म जन्म से मिल जाता है। हमारे माता-पिता हमें बताते हैं कि हम हिंदू हैं या मुसलमान हैं,...
बीच बहस
पतन के अपने चरम पर पहुंच गयी है हिंदी पट्टी
एक स्वस्थ समाज या देश के लिए चार तत्व ज़रूरी हैं: “ बुद्धिमत्ता, साहस, अनुशासन और न्याय”। (प्लेटो:रिपब्लिक )
आज भारतीय समाज, विशेषतः उत्तर भारतीय बहुसंख्यक समाज, चरम विरोधाभास, विद्रूपता, मध्ययुगीनता, पाखण्ड जैसी प्रवृत्तियों की गहरी गिरफ़्त में है; एक तरफ हाई-टेक...
ज़रूरी ख़बर
किसी भी जाति का व्यक्ति बन सकता है मंदिर का पुजारी: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि जाति या पंथ की परवाह किए बिना किसी भी व्यक्ति को अर्चक (पुजारी) के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, यदि वह आवश्यक धार्मिक ग्रंथों और अनुष्ठानों का जानकार और कुशल है।...
बीच बहस
स्मृति दिवस: नेहरू की नजर में राजनीति और धर्म का गठबंधन सबसे ज़्यादा ख़तरनाक
पंडित जवाहर लाल नेहरू का भारतीय इतिहास में अविस्मरणीय योगदान है। परतंत्र भारत में पंडित नेहरू की अहमियत जहां देश को आज़ाद कराने के लिए किए गए उनके अथक प्रयासों के चलते है, तो स्वतंत्र भारत में प्रधानमंत्री के...
बीच बहस
धर्म, जाति, लिंग आधारित नफरत भारतीयों को बना रही बीमार
Janchowk -
12 अप्रैल, 2023 के नवभारत टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार एक बच्चे की मां ने बताया कि उसकी बेटी आज रोती हुई घर में आई और उसने पूछा ' क्या हम मुसलमान इतने गंदे है? ' छठी...
संस्कृति-समाज
संवाद: पितृसत्ता और धर्म स्त्री के समक्ष शाश्वत चुनौतियां
Janchowk -
इंदौर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की स्वतंत्रता और समाज में भागीदारी के अवसरों पर देश-विदेश में कई कार्यक्रम हुए। इसी कड़ी में इंदौर के हिन्दी साहित्य समिति सभागृह में “स्त्री के समक्ष शाश्वत चुनौतियां” विषय पर एक संवाद...
संस्कृति-समाज
जुबान और भाषा किसी मजहब की बपौती नहीं- जावेद अख्तर
अमरीक -
मशहूर तरक्कीपसंद अदीब और नगमाकार जावेद अख्तर को इस बात पर गहरा अफसोस है कि उर्दू को सिर्फ मुसलमानों की जुबान मान लिया गया है। पाकिस्तान दौरे के बाद चंडीगढ़ आए जावेद अख्तर ने कहा कि अगर उर्दू महज...
बीच बहस
भारतीय समाज में अवैज्ञानिक परंपरा का साइकोपैथ अवशेष
उच्चतर डिग्री हासिल करके पढ़ा-लिखा होना इस बात का सुबूत नहीं बन जाता कि हम जागरूक भी हैं। जागरूकता तो उस थॉट प्रोसेस से होकर किसी तार्किक निष्कर्ष पर पहुंच पाने से हासिल होती है। पढ़ाई-लिखाई इसमें सहायक हो...
बीच बहस
हिन्दू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अंगीकार कर मैं बहुत प्रसन्न हूं: डॉ. अम्बेडकर
‘‘मैं आज बहुत ही प्रफुल्लित हूं। मैं जरूरत से ज्यादा प्रसन्न हूं। मैंने जिस क्षण हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म स्वीकार किया है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैंने नर्क से मुक्ति पा ली है।" ये शब्द डॉ....
बीच बहस
जल, जमीन, आकाश, सबकी फ़िक्र बढ़ाती है मृत देह
इन दिनों देश में पितृ पक्ष चल रहा है और सनातन धर्म से जुड़े लोग अपने मृत पूर्वजों को याद कर रहे हैं। मृत परिजनों के लिए धार्मिक अनुष्ठान किये जा रहे हैं, ब्रह्मभोज करवाए जा रहे हैं। एक...
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झूठी ख़बर फैलाने में गोदी मीडिया दुनिया में पहले पायदान पर
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद पराजय की आशंका से ग्रस्त होकर प्रधानमंत्री एक बार फिर...
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