सोशल मीडिया पर एक फोटो और एक खबर घूम रही है कि एक किसान नेता एसी में आराम कर रहे हैं। उस पर बहुत से कमेंट आये। कुछ मज़ाकिया तो कुछ उपालम्भ भरे, कुछ तंजिया तो कुछ हास्यास्पद। यह...
प्रिय न्यायमूर्ति अरुण मिश्र,
कुछ सप्ताह पहले जब मलयालम के एक समाचार पत्र में एक रिपोर्ट छपी कि आपने अपना सरकारी आवास नहीं छोड़ा है। जबकि आप सर्वोच्च न्यायालय से सितंबर 2020 में रिटायर हो गए थे। सामान्य तौर पर,...
न्यूयॉर्क। भारत सरकार ने किसान आंदोलन से निपटने के अपने तौर-तरीकों की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय आलोचना के जवाब में जिस प्रकार की कार्रवाइयां की हैं, वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निजता के अधिकारों का उल्लंघन करती हैं, एक्सेस नाउ, आर्टिकल 19, एसोसिएशन फॉर प्रोग्रेसिव कम्युनिकेशंस, कमेटी टू...
न्यूयॉर्क। ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा है कि भारत में सरकारी तंत्र ने मुसलमानों के खिलाफ सुव्यवस्थित रूप से भेदभाव करने और सरकार के आलोचकों को बदनाम करने वाले कानूनों और नीतियों को अपनाया है। सत्तारूढ़ हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय...
बिहार में 'शहीद जगदेव-कर्पूरी संदेश यात्रा शुरू की गई। यह यात्रा 'शहीद जगदेव-कर्पूरी का संदेश, बहुजन हो एक' और 'ब्राह्मणवादी-पूंजीवादी हमले के खिलाफ संघर्ष करो तेज' के आह्वान के साथ गांव-गांव तक शहीद जगदेव प्रसाद और कर्पूरी ठाकुर के...
गुरुवार, 10 दिसंबर विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने जेलों में बंद विचाराधीन सभी सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की। यह मांग कोई छिपा हुआ एजेंडा या अचानक से उठी इच्छा...
यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स (यूडीएचआर) को उसका निर्णायक और अंतिम स्वरूप देने में महिलाओं की भूमिका प्रायः अचर्चित रही है जबकि वास्तविकता यह है कि बिना महिलाओं के योगदान एवं हस्तक्षेप के मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा सर्वसमावेशी...
ऐपवा ने कहा है कि ‘लव जिहाद’ जैसे किसी भी कानून का वह विरोध करेगी। कई भाजपा शासित राज्यों ने घोषणा की है कि वे ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून बनाएंगे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी बिहार में...
अभी चंद दिनों पहले ही ख़बर आई थी कि उत्तर प्रदेश का पहले डिटेंशन कैंप ग़ाजियाबाद में बनकर तैयार हो गया है। अब कल ख़बर आई की यूपी की योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स यानी यूपीएसएसएफ...
मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (The Universal Declaration of Human Rights) की धारा 11 कहती है, " दंडनीय अपराध के प्रत्येक आरोपी को तब तक निर्दोष माना जाएगा जब तक उसे public trial के माध्यम से कानूनन अपराधी साबित नहीं...