Wednesday, April 24, 2024

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न्यायाधीश बहुसंख्यकवादी दृष्टिकोण को बढ़ावा दे रहे हैं: जस्टिस ए पी शाह

दिल्ली हाइकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ए. पी. शाह ने कहा कि बुलडोजर आज शक्ति का प्रतीक बन गया है, जिसे कानूनी मंजूरी या अधिकार के बिना इस्तेमाल किया जाता है। निर्दोष लोगों की जिंदगियां और आजीविकाएं खत्म की...

नई संसद के उद्घाटन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने

नई दिल्ली। संसद की नई बिल्डिंग के उद्घाटन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी दल आमने-सामने खड़े हो गए हैं। विपक्ष दो मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष पर सवाल उठा रहा है। पहला सावरकर के जन्मदिन पर नई संसद...

बीजेपी की विचारधारा के केंद्र में है ‘कायरता’-लंदन में बोले राहुल गांधी

लंदन। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार बीजेपी पर हमलावर हो रहे हैं। इस बार ब्रिटेन की धरती पर उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि सत्तारूढ़ दल बीजेपी "घृणा और हिंसा की विचारधारा" का पालन करती है, और...

आजादी के बाद भी अंडमान जेल से छूटे त्रैलोक्यनाथ के तेवर रहे तल्ख

कर्नाटक राज्य स्कूल बोर्ड की किताब में, सावरकर द्वारा अंडमान जेल की कोठरी से, एक बुलबुल पर सवार होकर, रोज वहां से निकल कर भारत आने और चले जाने की रूपक कथा का, जब उपहास उड़ा तो कर्नाटक सरकार...

देखने वाले की एकांगी दृष्टि का दोष है सावरकर का महिमामंडन

यह एक बहुत दिलचस्प प्रसंग है । हमारे मित्र अजय तिवारी ने फेसबुक पर एक पोस्ट लगाई वीर सावरकर के बारे में । शायद उन्हें लगा कि आज के सावरकर की स्तुति के काल में भी उनके प्रति ‘न्याय’...

आज़ादी के जश्न से आज भी दूर हैं बापू

15 अगस्त, 1947 को जब देश की आजादी का ऐलान हुआ, वह गाँधी जी के लिए जश्न का दिन नहीं था। इधर देश उत्सव में मग्न था, और उधर महात्मा गांधी 14 अगस्त, 1947 की रात कलकत्ता में शांति...

गांधी अभय हैं पर सावरकर में भय है

दिल्ली स्थित गांधी दर्शन और स्मृति नामक संस्थान ने अपनी पत्रिका `अंतिम जन’ का सावरकर विशेषांक निकाला है। एक तरफ इसका चारों ओर यह कहते हुए प्रचार किया जा रहा है कि इतिहास में गांधी से कम नहीं हैं...

नये पहलुओं को सामने लाती है गांधी हत्या से जुड़ी गोडसे पर धीरेंद्र झा की नई किताब

अब तक, गांधीजी की हत्या, हत्या की साजिश, अदालती सुनवाई (ट्रायल) जैसे मख़्सूस मौज़ू' पर कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिसमें जस्टिस जी.डी खोसला (1963), केएल गौबा (1969), वकील पी.एल. इनामदार (1979), जे.सी. जैन (1961), तपन घोष...

गांधी हत्याकांड पर नयी किताब – ‘द मर्डरर, द मोनार्क एंड द फ़क़ीर’ सावरकर को करती है कठघरे में खड़ा

द मर्डरर, द मोनार्क एंड द फकीर, (The Murderer, The Monarch and The Fakeer) इस साल सावरकर पर आने वाली तीसरी महत्वपूर्ण किताब है। इसके पहले दो और किताबें आयीं जिनकी बहुत चर्चा हुयी, पर इस किताब की चर्चा...

आजादी की लड़ाई की कब्र पर हिंदुत्व का फूल खिलाने की कोशिश!

शुरुआत हुई थी जवाहर लाल नेहरू से। नेहरू को संघी आखिरी अंग्रेज घोषित किए थे। और उनके बहाने सेकुलर शब्द को सबसे ज्यादा बदनाम किया गया था। और आखिर में सेकुलर को सेखुलर करार देते हुए उसे एक गाली...

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स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा

सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...