journalism
बीच बहस
क्या विनोद दुआ ‘राष्ट्र के लिए खतरा’ हैं?
आदरणीय विनोद दुआ पत्रकारिता जगत के भीष्म पितामह हैं। देश और पत्रकारिता के लिए उनका समर्पण, उनकी निष्ठा, उनका त्याग बेशकीमती रहा है। दुआ जी के साथ मैंने सहारा समय और न्यूज वर्ल्ड इंडिया में काम किया है। विनोद...
बीच बहस
पत्रकारिता दिवस के स्मरण का मतलब
आज हिंदी पत्रकारिता 194 वर्ष पुरानी हो गई। 30 मई 1826 को कलकत्ते से हिंदी के पहले साप्ताहिक अखबार `उदंत मार्तंड’ का प्रकाशन हुआ था। संपादक थे पंडित जुगल किशोर शुकुल। इस शब्द का अर्थ है समाचार-सूर्य। यह अखबार...
बीच बहस
पत्रकारिता नहीं, ट्रोलों की जमात के अगुआ हैं अर्णब
अर्णब की चीखती और शोर मचाने वाली पत्रकारिता की आड़ में सरकार द्वारा जो कुछ भी किया जा रहा है उसे देखिए, पढ़िये और समझिए । अर्णब ने जो कुछ भी कहा या किया है, उस पर लोगों ने...
ज़रूरी ख़बर
हिंदी अख़बार क्यों हो जाते हैं शरजील इमाम केस में भड़काऊ?
शरजील इमाम के केस को कवर करते समय हिंदी के अख़बारों ने फिर पत्रकारिता के उसूलों के साथ समझौता किया है। उन्होंने ने इमाम के खिलाफ भड़काऊ खबर लगाई है। उनके मुकाबले अंग्रेजी और उर्दू के अख़बारों ने ज्यादा...
संस्कृति-समाज
जन्मदिन पर विशेष: अंग्रेजों से लोहा लेने वाली माखनलाल की कलम ने आज़ादी के बाद दिखाया समाज को रास्ता
बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में अनेक महापुरुषों ने राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपने बहुआयामी व्यक्तित्व और कालजयी कृतित्व की छाप छोड़ी। ऐसे ही महापुरुषों में दादा माखनलाल चतुर्वेदी का नाम बड़े ही सम्मान और गौरव के साथ लिया जाता है।...
संस्कृति-समाज
शहादत सप्ताह: सांप्रदायिकता को राष्ट्र का सबसे बड़ा दुश्मन मानते थे गणेश शंकर विद्यार्थी
अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी सिर्फ महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ही नहीं थे, बल्कि हिन्दी पत्रकारिता के शिखर पुरुष भी माने जाते हैं। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों से प्रेरित विद्यार्थी ‘जंग-ए-आजादी’ के एक निष्ठावान सिपाही थे। गणेश...
संस्कृति-समाज
‘समयांतर’ में अटकी है हिंदी की राजनीतिक और वैचारिक पत्रकारिता की जान: असद जै़दी
हिन्दी के वरिष्ठ कवि, गद्यकार और विचारक असद ज़ैदी ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता में बतौर संपादक पंकज बिष्ट से ज़्यादा योगदान शायद ही किसी का रहा हो। इस बेशर्म युग में हिन्दी की राजनीतिक और वैचारिक पत्रकारिता की...
ज़रूरी ख़बर
दिल्ली चुनाव में बेघरों का मुद्दा क्यों नहीं
जनवरी जाने को है। देश भर में बारिश के बाद ठंड वापस अपनी रंगत पर है। जमीन गीली, आसमान गीला, हवाएं गीली। एक गीली ठंडी सुबह मैं दिल्ली के चक्कर लगाता हूं। कनॉट प्लेस सेंट्रल पार्क, जंतर मंतर, मंडी...
बीच बहस
माहेश्वरी का मत: मीडिया का नया दौर और हिंदी पत्रकारिता
राजकिशोर की तरह के एक स्वातन्त्र्य चेता और पत्रकारिता के जगत में अपने एक
अलग ही छंद के रचयिता पत्रकार की स्मृति में इस व्याख्यानमाला के लिये आयोजकों को
आंतरिक धन्यवाद ।
आइये, हम सबसे पहले इस
बुनियादी सवाल से ही अपनी बात...
पहला पन्ना
चुभने लगी है फ़ीस की सूई छात्रों को, अब IIMC के पत्रकारों ने किया आंदोलन
Janchowk -
भारतीय जनसंचार
संस्थान के छात्र फ़ीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं। उनका मांग पत्र मुझ तक भी पहुंचा है, आप सभी तक पहुंचने के लिए।
फ़ीस बढ़ोत्तरी के
खिलाफ IIMC छात्रों ने किया 'PROTEST' का
आह्वान।
इंडियन इंस्टीट्यूट
ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC),
नई दिल्ली के...
Latest News
क्या कांग्रेस घोषणापत्र मुस्लिम लीग की सोच को प्रतिबिंबित करता है?
गत 4 अप्रैल, 2024 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया। पार्टी...
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