Friday, April 19, 2024

Atal Bihari Vajpayee

बाबरी ध्वंस से राममंदिर: भारतीय राजनीति की बदलती दशा और दिशा

स्वाधीन होने के बाद भारत ने जो दिशा और राह चुनी, उसकी रूपरेखा जवाहरलाल नेहरु के ‘ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी’ भाषण में थी। नेहरु ने कहा, “भारत की सेवा का अर्थ है लाखों-लाख पीड़ितों की सेवा। भारत की सेवा का...

‘करगिल के खलनायक’ ने क्या सचमुच भारत-पाक शत्रुता को खत्म करना चाहा था?

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और अपने दौर के ‘सर्व-शक्तिमान’ परवेज मुशर्रफ का इंतकाल पाकिस्तान से बहुत दूर दुबई के एक अस्पताल में गत 5 फरवरी को हुआ। अच्छी बात है कि मौजूदा पाकिस्तानी हुकूमत ने मुशर्ऱफ के परिवार वालों...

जवाहरलाल नेहरू से मोदी सरकार की यह खुन्नस संघ परिवार की बेचारगी का पता देती है

अंग्रेजी के प्रख्यात कवि एवं नाटककार विलियम शेक्सपियर भले ही कह गये हों कि नाम में क्या रखा है, गुलाब को चाहे जिस नाम से पुकारा जाये, वह गुलाब ही रहता है और उनके अलविदा कह जाने के चार...

कांग्रेस: अंदर का कलह, बाहर की अपेक्षाएं

फरवरी-मार्च में संपन्न हुए पांच विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के अति निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी में आतंरिक कलह तेज़ हुआ है। दूसरी तरफ राजनीतिक पंडित, अन्य पार्टियों के नेता, राजनीतिक रूप से जागरूक नागरिक भविष्य की राजनीति के...

राजस्थान में पुरानी पेंशन बहाली से नवउदारवाद के पैरोकारों में क्यों है, बेचैनी

अगले साल राज्य में होने वाले चुनावों के मद्देनज़र ही सही, राजस्थान सरकार ने इस बजट में जनवरी 2004 से नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए नयी पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन देने की घोषणा की है। जब से...

गोवा की आजादीः क्या देरी के लिए नेहरू जिम्मेदार थे?

सन् 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी-भाजपा जो बातें कहते थे उनमें से एक यह भी थी कि जनता ने कांग्रेस को 60 साल सत्ता में रखा। अब जनता हमें 60 महीने दे और फिर देखे कि...

नेहरू के भाषणों के आइने में नरेंद्र मोदी की स्पीच

वैसे तो प्रधानमंत्री जी के संसद में दिए गए भाषण भी चुनावी भाषणों की भांति होते हैं और इनमें कटुता तथा व्यक्तिगत आक्षेपों की प्रचुरता होती है किंतु चुनावी भाषणों की जो शैली उन्होंने विकसित की है वह तो...

कमंडल पर मंडल की राजनीति के शिकार हो गये रविशंकर प्रसाद

जो भी बिहार और झारखंड की राजनीति से थोड़ा भी परिचित है, उसे दो साल पहले राजद छोड़ कर भाजपा में आई अन्नपूर्णा देवी के मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने को लेकर कोई आश्चर्य नहीं हुआ। बंगाल के...

बनाने वालों को दुत्कारना मोदी की पुरानी फितरत

गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन मुख़्यमंत्री और आज के देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि एक मौत के सौदागर की हो गई थी। यही बात थी कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें राज धर्म निभाने की...

देश में असहमति के प्रति बढ़ती असहनशीलता लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा

न सिर्फ देश का सर्वोच्च न्यायालय,अनेक उच्च न्यायालय,अनेक समाचार पत्र,संविधान एवं न्यायिक क्षेत्र के  अनेक विशेषज्ञ, यहां तक कि दुनिया के विभिन्न देशों की मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्ध संस्थाएं यह मानती हैं कि भारत में...

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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।