Wednesday, April 24, 2024

left

अब सचमुच नव-उदारवाद की कब्रगाह बनेगा चिली?

चिली वामपंथी राष्ट्रपति चुनने वाला इस साल (2021) तीसरा लैटिन अमेरिकी देश बना है। चिली के इतिहास की वजह से गैब्रियाल बोरिच का वहां राष्ट्रपति चुना जाना कुछ अधिक खास है। लैटिन अमेरिका में चिली ही पहला देश था,...

सीपी कमेंट्री: चे ग्वेरा की क्रांतिकारी विरासत का नया चेहरा हैं चिली के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक

चिली में युवा वामपंथी, गेब्रियल बोरिक की राष्ट्रपति चुनाव में जीत अमेरिका जैसे साम्राज्यवादियों को चौंकाने वाली नहीं है, चिंताजनक भले हो। ये जीत दुनिया भर में तानाशाही, सैन्यवाद, फासीवाद के खिलाफ और लोकतंत्र की हिफाजत के लिए अरसे...

चिली नवउदारवादी अर्थव्यवस्था का जनक था और अब यही कब्र बनेगा: नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गैब्रिएल

चिली में 35 वर्षीय ग्रैबिएल बोरिक देश के अगले सबसे युवा राष्ट्रपति होंगे। शिक्षा के सवाल पर देश में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों की अगुआई करने के बाद वह राजनीति के केंद्र में आ गए थे। वह मुक्त बाजार...

संविधान पर चल रहे विमर्श के निहितार्थ

संविधान दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों और संगोष्ठियों का एक उद्देश्य यह भी होता है कि संघ परिवार एवं उसके विचारकों की संविधान के प्रति असहमति को बहुत विद्वतापूर्ण तरीके से जायज़ ठहराया जाए। संविधान के विषय में...

भारत की तर्ज़ पर अमेरिका के कई राज्यों में उठी हाशिये के समाज के लेखकों की किताबों को जलाने और बैन करने की मांग

दक्षिणपंथ ऐसी गंदगी है जो भारत जैसे पिछड़े देश और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे उन्नत देशों के बीच वैचारिक और वैज्ञानिक सोच के फर्क़ को खत्म कर देता है। भले ही संयुक्त राज्य अमेरिका में फासीवादी डोनाल्ड ट्रंप का बोरिया...

अक्टूबर क्रांति ने मोड़ दी थी दुनिया के इतिहास की धारा

अलेक्जेंडर रोबिनविच रूसी क्रांति और गृह युद्ध के जाने-माने इतिहासकार रहे हैं। उनके और रेक्स ए. वेड जैसे विशेषज्ञों की बातों से यह पता चलता है कि रूसी क्रांति को लेकर जो बहुत सी बातें मीडिया में चल रही...

झारखंड में भी बेहद असरदार रहा देशव्यापी रेल रोको आंदोलन

18 अक्टूबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा पूर्व घोषित देशव्यापी रेल रोको कार्यक्रम के तहत रांची में किसान संगठनों और वामदलों के कार्यकर्ताओं ने रेल पटरी पर उतरकर प्रदर्शन किया। संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संघर्ष समन्वय...

वामपंथी आंदोलनों और वकीलों का भारतीय संवैधानिक कानून के विकास में बड़ा योगदान: उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मुरलीधर

संवैधानिक कानून के विकास में वामपंथी वकीलों और वामपंथी झुकाव वाले वकीलों, न्यायविदों और वामपंथी आंदोलनों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है लेकिन उनके बारे में पर्याप्य न तो लिखा गया है न ही उनपर शोध हुआ है। यह...

उत्तराखंड: ‘भाजपा हराओ,वाम विपक्ष का निर्माण करो’ नारे के साथ चुनाव में उतरेंगी वामपंथी पार्टियां

देहरादून। आगामी 2022 के विधान सभा चुनाव में उत्तराखंड की तीन वामपंथी पार्टियां- भाकपा, माकपा, भाकपा (माले)  ‘भाजपा को हराओ, वाम विपक्ष का निर्माण करो' नारे के साथ चुनावी समर में उतरेंगी। वामपंथी पार्टियां विधानसभा चुनाव में संयुक्त रूप...

स्व-श्रेष्ठता के दंभ में हर किसी को खारिज करने के खतरे

अभी हाल की बात है, एक दिन मैंने अपने फेसबुक पेज पर दक्षिणपंथी खेमे के एक वरिष्ठ संपादक की असमय मौत पर दुख प्रकट करते हुए संक्षिप्त श्रद्धांजलि-लेख लिखा। इस पर कुछ ‘वामपंथी’ और ‘समाजवादी’ किस्म के बुद्धिजीवी खासे...

Latest News

स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा

सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...