Saturday, April 20, 2024

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वर्ग और जाति के बीच की केमेस्ट्री

वीरेन्द्र यादव की फेसबुक वॉल पर जाति और वर्ग के बारे में डा. लोहिया के विचार के एक उद्धरण* के संदर्भ में : जाति हो या वर्ग, दोनों ही सामाजिक संरचना की प्रतीकात्मक श्रेणियाँ (Symbolic categories) हैं। भले कभी...

गैर भाजपावाद की रणनीति को कामयाब करने के लिए समाजवादी एकजुटता वक्त की जरूरत

    आज 17 मई 2021 को कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के भारत में गठन के 87 वर्ष हो रहे हैं। यदि कोरोना काल नहीं होता तो हम पटना में समाजवादी समागम में अवश्य मिलते लेकिन आज सभी कार्यक्रम ऑनलाइन...

अब आंदोलन अपराध है, क्योंकि हमारा राज है!

बिहार के, अब सिर्फ नाम भर के, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फतवा जारी किया है कि अब जो भी किसी धरना, चक्का जाम या किसी आंदोलन में भाग लेगा, उसे न नौकरी दी जायेगी, न कोई ठेका दिया जायेगा,...

गांधी के सिपाही और नेहरू के साथी लोहिया

राम मनोहर लोहिया ने आजाद भारत में सत्ता से सवाल पूछना सिखाया और सत्ता के खिलाफ रहकर भारतीय राजनीति के साथ भारतीयों के मन-कर्म पर गहरा प्रभाव छोड़ा। वह हमेशा समाज और सरकार को एक साथ, एक रास्ते पर...

पुण्यतिथि पर विशेषः अंदरूनी अत्याचारियों से विद्रोह चाहते थे लोहिया

अगर माखनलाल चतुर्वेदी एक भारतीय आत्मा थे तो डॉ. राममनोहर लोहिया एक बेचैन भारतीय आत्मा थे। वे चाहते थे कि इस देश की जनता भीतरी अत्याचारियों के विरुद्ध विद्रोह करे। सरोजिनी नायडू ने महात्मा गांधी के निधन के बाद...

जब लोहिया ने नेहरू को कहा आप सदन के नौकर हैं!

देश में चारों तरफ आफत है। सर्वत्र अशांति। आज पीएम मोदी का जन्म दिन भी है और देश के युवाओं का बेरोजगार दिवस भी। यह अद्भुत संयोग है। इसी प्रधानमंत्री ने पद की शपथ लेने से पहले ही युवाओं...

रघुवंश प्रसादः सत्ता के गलियारे में जनता का आदमी

बिहार की राजनीति के सबसे उथल-पुथल वाले दौर में अपने को टिकाए रखने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह की मौत के साथ समाजवादी राजनीति का एक और स्तंभ गिरा है। रघुवंश जी ने समाजवादी मूल्यों को दलीय राजनीति में स्थिर...

लेबनान सरकार को अवाम ने उखाड़ फेंका, राष्ट्रपति और स्पीकर को हटाने पर भी अड़ी

आखिरकार आंदोलनरत लेबनान की अवाम ने सरकार को उखाड़ फेंका। लोहिया ने ठीक ही कहा था कि जिंदा कौमें पांच साल इंतज़ार नहीं करतीं। देश भर में सरकार के खिलाफ़ भड़के गुस्से के बाद सोमवार को लेबनान सरकार की...

भारत छोड़ो आंदोलन की चेतना के मायने

अगस्त क्रांति के नाम से मशहूर और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में मील का पत्थर माने जाने वाले भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं सालगिरह 9 अगस्त, 2020 को है। भारतीय जनता की स्वतंत्रता की तीव्र इच्छा से...

जरा ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन को भी याद कर लें!

‘भारत माता की जय’ और ‘वंदेमातरम’ अब हिंदुत्ववादियोें का ऐसा नारा बन गया है कि इस दौर में जवान हो रहे बच्चों के मन में यह भ्रम बैठ जाएगा कि इन्हीं लोगों ने देश को आजादी दिलाई है। वैसे...

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।