Tuesday, April 23, 2024

politics

अब क्या संविधान नहीं, मनुस्मृति के रास्ते चलेगा देश?

भारत में जिस राजनैतिक व्यवस्था को हमने चुना है उसमें विधायिका कानून बनाती है, कार्यपालिका उन कानूनों के अनुरूप देश की शासन-व्यवस्था का संचालन करती है और न्यायपालिका यह सुनिश्चित करती है कि देश का शासन संविधान के मूल्यों...

शीर्ष पदों पर बढ़ता असंतुलन यानी संघवाद को निगलता सर्वसत्तावाद 

देश में बढ़ता सर्वसत्तावाद किस तरह संघवाद को क्रमशः क्षतिग्रस्त कर रहा है, इसके उदाहरण विगत आठ वर्षों में शीर्षस्थ पदों पर लोकतांत्रिक और संघीय प्रतिनिधित्व के निर्णयों में दिखते आ रहे हैं। स्पष्ट है कि इसकी अनदेखी संवैधानिक...

लाल किले से 83 मिनट के भाषण का सार “खाया पीया कुछ नहीं, गिलास फोड़ा आठ आने”

सरोज जी- जन कवि मुकुट बिहारी सरोज- की एक कविता की पंक्ति है; "शेष जिसमें कुछ नहीं ऐसी इबारत, ग्रन्थ के आकार में आने लगी है।” आज यदि वे इसे फिर से लिखते तो ग्रन्थ की जगह 83 मिनट के उस...

बिहार का घटनाक्रम: खिलाड़ियों से ज्यादा उत्तेजित दर्शक

मैच के दौरान कई बार ऐसा होता है कि मैदान पर खेल रहे खिलाड़ियों से ज्यादा मैच देख रहे दर्शक उत्साहित-उत्तेजित हो जाते हैं; खिलाड़ी तो सौहार्द-संतुलन बनाए रखते हैं किंतु दर्शक आपस में उलझ पड़ते हैं, कभी कभी...

सर्व-शक्तिमान भाजपा को बिहार क्यों बन गया है मुश्किल?

सभी राजनीतिक दलों और सूबाई क्षत्रपों के लिए तरह-तरह की मुश्किलें पैदा करने में उस्ताद देश की सर्व-शक्तिमान सत्ताधारी पार्टी-भाजपा बिहार में स्वयं ही मुश्किलों का सामना कर रही है। पिछले तीन-चार महीने से उसे समझ में नहीं आ...

बिहार: गाय के नाम पर मुसलमानों की गिरफ्तारी और राजनीति का बदलता रंग

दुनिया को धर्म और ज्ञान की रोशनी देने वाला और दुनिया में गणतंत्र की जननी कहे जाने वाले वैशाली जिले के हाजीपुर में बसहा बैल के साथ भिक्षाटन करते छह मुसलमानों को बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के...

आलोचना से परे नहीं है न्यायपालिका 

2014 के बाद देश की राजनीति में ही नहीं, बल्कि न्यायपालिका में भी, कुछ ऐसे परिवर्तन आए हैं, जिन पर लोगों का ध्यान गया है। न्यायपालिका किसी राजनीतिक विचारधारा और सत्ता की राजनीति से प्रेरित होकर काम नहीं करती...

जन्मदिन पर विशेष: क्रिकेट ही नहीं, राजनीति की पिच पर भी खूब चमके चेतन चौहान

भारतीय क्रिकेट में सबसे साहसी सलामी बल्लेबाजों में से एक, चेतन चौहान को मुख्य रूप से '70 के दशक और 80 के दशक की शुरुआत में कई टेस्ट मैचों में सुनील गावस्कर के साथ ओपनर के रूप में याद...

उत्तराखण्ड: जहां शराब के बिना न राज्य चलता है और न राजनीति

कभी कहा जाता था कि ‘‘सूरज अस्त और पहाड़ मस्त’’’ लेकिन अब जमाना ऐसा बदला कि ‘‘सूरत उगते ही पहाड़ मस्त होने लगता है और सूरज अस्त होने तक शराबी पस्त हो जाते हैं और उनके परिजन त्रस्त हो...

अग्निपथ योजना का विरोध: मोदी सरकार के लिए क्या है राजनीतिक सबक?

नरेन्द्र मोदी सरकार के द्वारा सैन्य सुधार के नाम पर लायी गयी अग्निपथ योजना का चौतरफा विरोध हो रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, हरियाणा, तेलंगाना में बड़ी संख्या में छात्र-युवा इस योजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे...

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2024 के चुनाव में फासीवादी ताकतों को निर्णायक चोट दें: स्वदेश भट्टाचार्य

पटना। भाकपा-माले की स्थापना की 56वीं वर्षगांठ पर पार्टी महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने सभी पार्टी सदस्यों और शुभचिंतकों...