Friday, March 29, 2024

Pulwama Attack

घोटाले और तमाशे: आप क्रोनोलॉजी समझिए

बात बन नहीं रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए दो लोगों के नेतृत्व वाली भाजपा और आरएसएस की पूर्व निर्धारित पटकथा के अनुसार तो बिल्कुल नहीं। “मोदी है तो मुमकिन है”, 2019 के...

पुलवामा हमले के समय शूटिंग में व्यस्त थे मोदी, अनंतनाग के वक्त पार्टी मुख्यालय में करा रहे थे अपना स्वागत

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को आतंकवादियों से मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अफसर के शहीद होने की खबर पूरे देश में आग की तरह फैली। देश का हर नागरिक...

ग्राउंड रिपोर्ट: चटकते रिश्तों और वादा-खिलाफी के बीच पिस रहा पुलवामा हमले के शहीद का परिवार 

बहादुरपुर, चंदौली। जवान बेटे की शहादत के बाद पारिवारिक टूटन, आर्थिक जरूरतों और अवसाद से पसीजते ह्रदय की पीड़ा सुनना और लिखना-आसान नहीं है। वाराणसी जिला मुख्यालय से महज 15 किमी गंगा पार उत्तर-पूर्वी छोर से सटा चंदौली जनपद...

ग्राउंड रिपोर्ट: गांव-गांव दूध बेचकर दाल-रोटी चला रहे पुलवामा में शहीद जवान के माता-पिता

वाराणसी। जिस पुलवामा हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और 4 साल बाद भी उस पर सियासत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। उस आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिवार किस हाल...

पुलवामा हमला: चार साल बाद भी केंद्र खामोश, शहीदों के परिजन जानना चाहते हैं ‘सच्चाई’

नई दिल्ली। सत्यपाल मलिक ने ‘पुलवामा हमले’ को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। घटना के समय वे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। मीडिया साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि यदि जवानों को विमान से भेजा गया होता तो...

पुलवामा हमले में सुरक्षा चूक और खुफिया विफलता पर प्रधानमंत्री की चुप्पी निंदनीय

करन थापर और फिर रवीश कुमार को दिए अपने इंटरव्यू में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पुलवामा हमले में यह खुलासा करके कि "सीआरपीएफ द्वारा जवानों को सड़क मार्ग के बजाय एयर लिफ्ट करके ले जाने...

सत्यपाल मलिक इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय का ‘हीरो’ क्यों नहीं बन सके!

जनाब सत्यपाल मलिक को चौधरी चरण सिंह के जमाने से जानता हूं। शायद उन्हें भी हमारी थोड़ी-बहुत याद हो! हाल के वर्षों में हमारी उनकी मुलाकात नहीं है। सिर्फ एक बार जब वह शिलांग के राजभवन में पदस्थापित थे...

माओवादियों पर हमेशा भारी पड़ने वाले जवान चुनावी सीजन में कमजोर क्यों पड़ जाते हैं?

असम में भाजपा प्रत्याशी की गाड़ी में ईवीएम बरामद होने, और पश्चिम बंगाल में टीएमसी से पिछड़ती भाजपा की चर्चा और पांच राज्यों में 6 अप्रैल को मतदान से 3 दिन पहले कल 3 अप्रैल शनिवार को सुकमा जिले...

राष्ट्रवादी मोड से बाहर निकल रहा है सुप्रीम कोर्ट!

ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उच्चतम न्यायालय राष्ट्रवादी मोड से बाहर निकलकर क़ानूनी प्रावधानों के अनुरूप फैसले देने लगा है। मामला भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार का हो और केंद्र ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में उत्पादित या...

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‘ऐ वतन मेरे वतन’ का संदेश

हम दिल्ली के कुछ साथी ‘समाजवादी मंच’ के तत्वावधान में अल्लाह बख्श की याद में एक सालाना कार्यक्रम करते...