Friday, April 26, 2024

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क्या मोदी जी अपने देश को नहीं जानते !

उनसे हमारा बुनियादी मत-विरोध है, पर इस पर मुझे कभी शक नहीं रहा कि वे इस देश को काफी जानते-समझते हैं। हमारी भौतिक-आर्थिक स्थिति, हमारे स्वास्थ्य सेवाओं का हाल, हमारी जनता की रोजी-रोटी का हाल, उसका मनोविज्ञान, उसकी वैचारिक-सांस्कृतिक...

‘जनता कर्फ़्यू’ के सोशल डिस्टेंसिंग से नहीं टूटेगी कोरोना वायरस ट्रांसमिशन की चेन

नई दिल्ली। पीएम मोदी द्वारा विश्वव्यापी महामारी कोरोना के ख़िलाफ़ घोषित किए गए 14 घंटे के कर्फ़्यू को एक हिस्सा कोरोना की श्रृंखला को तोड़ने के आयोजन के तौर पर पेश कर रहा है। उसका मानना है कि इसके...

कवि और सामाजिक कार्यकर्ता अंशु मालवीय पर हमला

नई दिल्ली। कवि-समाजसेवी अंशु मालवीय पर कल देर रात 11 बजे हमला हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक तकरीबन आधा दर्जन बदमाशों ने एकाएक उन पर हमला बोल दिया। गुंडों ने उनको काफी मारा पीटा। इस हमले में उनको अंदरूनी चोटें आयी...

सीएए-एनआरसी विरोधः हिंसा कराने वाले यह चेहरे कौन हैं!

दिन के 1:12 मिनट पर अचानक मऊ रिजेक्ट सीएए नाम के व्हाट्सएप ग्रुप से एक मैसेज आता है, “आज 2:00 बजे सदर चौक पर इकट्ठा हो रहे हैं। जो होगा देखा जाएगा। सब को एकजुट करें।” यह फॉरवर्डेड मैसेज...

बहुजनों का पानीपत बना सोशल मीडिया का प्लेटफार्म ट्विटर

नई दिल्ली। क्या ट्विटर जातिवादी है? क्या ट्विटर पर सवर्णों का वर्चस्व है? अभिजात हिस्से का मंच माना जाने वाला सोशल मीडिया का यह प्लेटफार्म क्या दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों समेत सभी बहुजनों के साथ भेदभाव करता है? पिछले तकरीबन पांच...

सामाजिक न्याय की कब्र पर खड़े भाई-भतीजावाद के पेड़ पर तैयार की गयी है पटना हाईकोर्ट के नये जजों की सूची

क्या हितों का टकराव न्यायपालिका में जजों की नियुक्तियों में कोई मायने नहीं रखता। अभी पिछले ही दिनों उच्चतम न्यायालय के कई माननीय न्यायाधीश हितों के टकराव के नाम पर या अन्य अज्ञात कारणों से सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा के मामले की...

डीयू में बेचैन की हिंदी के विभागाध्यक्ष पद पर नियुक्ति रोक कर की जा रही है सामाजिक न्याय की सांस्थानिक हत्या

(विगत कुछ दिनों से मैं लगातार डीयू के हिन्दी विभाग में नए विभागाध्यक्ष (हेड ऑफ डिपार्टमेन्ट- HoD) की नियुक्ति को लेकर चल रहे तमाशे से रूबरू कराता रहा हूँ। अब पूरी दास्ताँ सुनिए।) दिल्ली विश्वविद्यालय का हिन्दी विभाग सन 1948 से अस्तित्व...

बहुजन राजनीति को अलविदा कहने का वक्त

(स्वराज अभियान की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने 29 सितंबर को सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली के जिला कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। पेश है उनका पूरा संबोधन- संपादक) 90 के दशक से शुरू हुई बहुजन राजनीति अपने चरित्र...

इत्तफाक या सब कुछ प्रायोजित है!

आज देश में जो हालात पैदा हो रहे हैं उस पर मुझे अपने बचपन की एक घटना याद आ रही है। एक रात हमारे पड़ोसी के घर में सेंध मार कर चोर चोरी कर रहे थे, तभी चोरों की आहट से...

आरक्षण विरोधी पण्डों व पुष्कर से दूर रहें आरक्षित कौमें

कुछ लोग लाईलाज़  बीमारियों से ग्रस्त हैं, लेकिन उनको पता भी नहीं है कि उनको रोग है, वे अपनी बीमारी को अपनी विशिष्टता निरूपित करते हैं। ये ऐसे लोग हैं जो खुद सदियों से मिले हुये जन्मना जातिगत आरक्षण से मिली पुरोहिताई...

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गैर-बराबरी के मुद्दे पर गुमराह करने में जुटे मोदी

इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन के पुनर्वितरण की सोच को निशाने पर लिया है। वे तथ्यों का...