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राज्य
उत्तराखंड: दस दिन बाद भी खूंखार बाघ को नहीं पकड़ सका वन विभाग, तीसरी बार बढ़ानी पड़ी स्कूल बंदी की मियाद
देहरादून। उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में आदमखोर बाघ के खौफ से ग्रामीणों को दस दिन बाद भी वन विभाग निजात नहीं दिला पाया है। बाघ के खौफ के चलते जिले के दर्जनों गांवों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया।...
जलवायु
शेर की दहाड़ और इंसान की आवाज
शेरों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यह एक वायरल खबर थी। 2019 की संख्या में 6.7 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई। हाल ही में हुई गणना के हिसाब से शेरों की संख्या 3,167 हो गई। हाल ही में भारत...
जलवायु
‘आदमखोर’ क्यों बन जाता है बाघ?
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार बिहार के पश्चिमी चम्पारण जिले में आठ अक्टूबर को मारे गए बाघ के बारे में किए गए फैसले के मुताबिक उसे मार गिराना बहुत जरूरी हो गया था। सात अक्टूबर को उसे देखते ही मार...
जलवायु
प्रोजेक्ट चीता: एक शानदार मीडिया इवेंट लेकिन…
यदि आप भारतीय मीडिया की इस बात पर भरोसा करते हैं कि 'प्रोजेक्ट चीता' चीतों के संरक्षण हेतु प्रारंभ किया गया विश्व में अपने ढंग का अनूठा कार्यक्रम है और इससे भारत के घास के मैदानों की स्थिति में...
ज़रूरी ख़बर
बेहूदे समय के त्रासद प्रहसन: डकैत रमेश सिकरवार बना चीता मित्रों का महानायक
चीता पुराण को लेकर चले मंथन की सबसे चटख खबर है डाकू रमेश सिकरवार का चीता मित्र के रूप में नायक बनकर सामने आना। मध्यप्रदेश सरकार ने उसे चीता मित्र बनाया है। नामीबियाई चीतों और बर्थडे बॉय मोदी जी...
पहला पन्ना
ग्राउंड रिपोर्ट: कैमूर के आदिवासियों ने भरी हुंकार, कहा- बाघ अभ्यारण्य नहीं बनने देंगे
कैमूर। ‘‘जल-जंगल-जमीन हम आपका, नहीं किसी के बाप का’’, ‘‘जल-जंगल-जमीन हमारा है, वन विभाग की जागीर नहीं’’, ’‘ ये धरती सारी हमारी है, जंगल-पहाड़ हमारे हैं’’, ‘‘ लोकसभा न विधानसभा, सबसे ऊपर ग्रामसभा’’, ‘‘बाघ अभ्यारण्य को हटाना है, जल-जंगल-जमीन...
बीच बहस
मुक्ति कामना का प्रतीक ‘द व्हाइट टाइगर’
एक सफेद शेर है जो पिंजरे में कैद है और उसकी बेचैनी, उसका गुस्सा और उसकी तड़प- सब एक तरफ और दुनिया के झंझट और मुसीबतें एक तरफ, अरविंद अडिगा के उपन्यास पर आधारित फिल्म "द व्हाइट टाइगर" को...
राज्य
उत्तराखंडः लॉकडाउन के बाद बढ़ गया मानव-पशु संघर्ष
Janchowk -
उत्तराखंड में तीन महिलाओं और एक मासूम बच्चे को बाघ या तेंदुए ने मार डाला। कई लोग घायल हुए हैं। नैनीताल और अल्मोड़ा जिले के बहुत से इलाकों में आजकल हिंसक वन पशुओं का आतंक फैलता जा रहा है।...
बीच बहस
पूंजीवाद के इंजन को हमेशा के लिए बंद करना ही हमारा काम: अरुंधति रॉय
कोरोनावायरस की महामारी ने पूंजीवाद के इंजन को रोक दिया है। परन्तु यह एक अस्थाई स्थिति है। आज जब पूरी मनुष्य जाति कुछ समय के लिए अपने घरों में कैद है तब धरती ने खुद ही अपने ज़ख्म भरने...
ज़रूरी ख़बर
‘सेव द टाइगर’ के पीछे छुपे हैं कई स्याह कारनामें
Janchowk -
'सेव द टाइगर' का उजला पक्ष मीडिया कल दिन भर आपको बतलाता रहा। मोदी जी बढ़ते बाघों की संख्या ट्वीट कर अपनी पीठ
ठोकते रहे। लेकिन बरसों से इस 'सेव द टाइगर' अभियान के पीछे एक ऐसा घिनौना खेल खेला...
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स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा
सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...
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