Friday, March 29, 2024

सत्ता

बीजेपी की सत्ता में जिंदा रहना ही विकास!

दुनिया के कई देश गृहयुद्ध की भयावहता को झेल चुके हैं और आज भी उस परिस्थिति से गुजर रहे हैं, जिसमें रवांडा, मिस्र, लीबिया, युगांडा, अफगानिस्तान, ईरान, इराक समेत और भी बहुत सारे देशों को देखा जा सकता है।...

मौजूदा भारतीय संदर्भ के जटिल प्रश्न और पब्लिक इंटैलेक्चुअल की भूमिका!

पिछले दिनों अंग्रेजी में लिखने-पढ़ने और बोलने वाले बड़े लेखक का एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इंटरव्यू सुन रहा था। उन्हें महानगरीय समाज के भद्रलोक में बड़ा लोक-बुद्धिजीवी (पब्लिक-इंटैलेक्चुअल) माना जाता है। यह इंटरव्यू कुछ महीने पहले का था...

योगी की जिद पर भारी पड़ा बंद समर्थकों का हौसला! लाठीचार्ज, नजरबंदी और गिरफ्तारियों में बीता दिन

कृषि के काले कानूनों के खिलाफ आज किसान संगठनों ने ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। अन्नदाता की इस लड़ाई को कमजोर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरा जोर लगा दिया। विपक्ष के कई नेताओं को उनके...

सत्ता ‘रंग-नुमाइश’ कराती है, ताकि रंगकर्म का विचार मर जाए!

रंगकर्म माध्यम है, यह सोचने या मानने वाले अधूरे हैं। वो रंगकर्म को किसी शोध विषय की तरह पढ़ते हैं या किसी एजेंडे की तरह इस्तेमाल करते हैं, पर वो रंगकर्म को न समझते हैं न ही रंगकर्म को...

जब निरंकुश सत्ताओं के लिए चुनौती बन गए व्यंग्यकार!

मशहूर साहित्यकार हरिशंकर परसाई व्यंग्य के विषय में कहते थे– “व्यंग्य जीवन से साक्षात्कार करता है, जीवन की आलोचना करता है, विसंगतियों, अत्याचारों, मिथ्याचारों और पाखंडों का पर्दाफाश करता है।” लेकिन स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के व्यंग-ट्वीट से सुप्रीम...

अब हिंदुत्व के सहारे चलेगी अरविंद के सत्ता की नांव!

दिल्ली के इतिहास में पहली बार राज्य सरकार ने सरकारी तामझाम और टीवी समेत तमाम विज्ञापनों के जरिए इस साल दीपावली के अवसर पर शुभ मुहुर्त निकलवा कर दो करोड़ लोगों को सामूहिक पूजा में भाग लेने की अपील...

‘हिज मास्टर्स वॉयस’ में बदल गया भागवत का संबोधन

यह सच है कि मोहन भागवत के विजया दशमी के कर्मकांडी भाषण का संघ के एक पूर्व कट्टरतावादी प्रचारक की सरकार के काल में भी कोई विशेष सांस्थानिक मायने नहीं है। यह किसी पिटे हुए मोहरे की जोर आजमाइश...

छत्तीसगढ़ः 15 साल की सत्ता की खुमारी से बाहर नहीं आ पा रहा विपक्ष

छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों तक सत्ता पर काबिज रहने के बाद बुरी तरह पराजित होकर बहुत ही सीमित सीटों पर सिमटने के आघात से लगता है भारतीय जनता पार्टी अब तक उबर नहीं पाई है। प्रदेश में विपक्ष अब...

मोदी के मायावी गुब्बारे की हवा निकालने के लिए सच्चाई की एक छोटी सुई ही काफी

कांग्रेस का संकट आखिर है क्या? क्या पिछले दो लोकसभा चुनावों और लगभग इसी कालखंड में हुए अनेक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के लिए पार्टी के एक बड़े वर्ग द्वारा उत्तरदायी समझे जाने वाले सेकुलरिज्म और उदारवाद...

छत्तीसगढ़ः सरकारी नीतियों पर सवाल उठाने वाले पत्रकारों का हो रहा है आखेट

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी नीतियों के खिलाफ कलम चलाने वाले पत्रकारों का लगातार उत्पीड़न हो रहा है। ऐसे पत्रकारों को फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भी भेजा जा रहा है। पीयूसीएल ने राज्य सत्ता के द्वारा पत्रकारों की प्रताड़ना...

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बेरोजगारी का विकराल रूपः सरकार ने डाल दिए हथियार

तो नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से यह दो टूक कह दिया गया है कि बेरोजगारी जैसी समस्याओं से...